बेरोजगारी आज हर घर में चर्चा का हिस्सा है। हर साल लाखों लोग नौकरी खोजते हैं, पर अक्सर सही मौका नहीं मिलता। इस लेख में हम देखते हैं क्यों बेरोजगारी बढ़ रही है और आप कैसे इस स्थिति से बाहर निकल सकते हैं।
पहला कारण है स्किल गैप – स्कूल और कॉलेज में जो सिखाया जाता है, वो नौकरी की मांग से मेल नहीं खाता। दूसरा कारण है आर्थिक slowdown, जिससे कंपनियों की hiring कम हो जाती है। तीसरा कारण है क्षेत्रीय असमानता, कहीं बहुत काम बनता है तो कहीं बहुत कम। इन वजहों से युवा अक्सर हिचकिचाते हैं और नौकरी नहीं मिल पाती।
सरकार ने कई योजना शुरू की हैं, जैसे प्रधानमंत्री रोजगार योजना, स्किल्स प्रशिक्षण कार्यक्रम (Skill India), और स्टार्ट‑अप भारत। इन स्कीम से आप मुफ्त ट्रेनिंग, सर्टिफिकेट और कभी‑कभी फाइनेंशियल सपोर्ट भी पा सकते हैं। नजदीकी रोजगार कार्यालय या ऑन‑लाइन पोर्टल पर जाकर तुरंत आवेदन कर सकते हैं।
अगर आप अभी भी नौकरी नहीं पा रहे हैं, तो अपना रिज्यूमे अपडेट रखें। एक सादा, साफ़ फ़ॉर्मेट वाला रिज्यूमे बना कर, अपने मुख्य स्किल्स और प्रोजेक्ट्स को हाईलाइट करें। कवर लेटर में बताएं कि आप कंपनी को क्या मूल्य दे सकते हैं। छोटे‑छोटे प्रोजेक्ट या फ्रीलांस काम भी अनुभव में जोड़ें – इससे आपके प्रोफ़ाइल में ताकत आएगी।
नेटवर्किंग का भी बड़ा असर है। लिंक्डइन, फ़ेसबुक ग्रुप या स्थानीय जॉब फ़ेयर में सक्रिय रहें। अपने कॉलेज अलुमनी या पिछले सहकर्मियों से संपर्क रखें, अक्सर वे ही सही अवसर की जानकारी देते हैं। याद रखें, एक रेफ़रल अक्सर बायोएनरी से बेहतर काम करता है।
साथ ही, नई टेक्नोलॉजी सीखना फायदेमंद रहेगा। डेटा एनालिटिक्स, डिजिटल मार्केटिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी स्किल्स की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। कई मुफ्त ऑनलाइन कोर्स (जैसे Coursera, Udemy, NPTEL) उपलब्ध हैं, जो आपके स्किल गैप को पाट सकते हैं।
यदि आप अपना खुद का काम शुरू करना चाहते हैं, तो छोटे‑छोटे कदम उठाएँ। एक छोटा ऑनलाइन शॉप, फ्रीलांस सर्विस या स्थानीय सेवा (जैसे ट्यूशन या घरेलू मरम्मत) से शुरू कर सकते हैं। शुरुआती निवेश कम रखें, मार्केट रिसर्च करें और ग्राहकों की जरूरत समझें। इससे न सिर्फ आय बढ़ेगी, बल्कि भविष्य में बड़े प्रोजेक्ट भी आ सकते हैं।
अंत में, बेदर्दी से निराश न हों। बेरोजगारी एक चुनौती है, पर सही जानकारी और योजना से इसे पार किया जा सकता है। हर दिन नई स्किल सीखें, नेटवर्क बढ़ाएं और सरकारी स्कीम का पूरा लाभ उठाएं – इस तरह आप आगे बढ़ेंगे और नौकरी की तलाश में जीतेंगे।
नेपाल में सोशल मीडिया पर कड़ी पाबंदियों और बेरोजगारी के बीच युवाओं का गुस्सा बढ़ा है। पूर्व उप-प्रधानमंत्री उपेन्द्र यादव ने सरकार पर भ्रष्टाचार मामलों में पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि जवाबदेही चयनित लोगों तक सीमित है। काठमांडू में पत्रकारों ने बैन के खिलाफ प्रदर्शन किया। सुप्रीम कोर्ट ने 2007 के गौर कांड की जांच फिर से खोलने का आदेश भी दिया है।
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