गर्मियों का मौसम आते ही शरीर में पसीना, थकान और कभी‑कभी दिक्कतें बढ़ती हैं। लेकिन सही जानकारी और आसान कदमों से आप इस गर्मी को आराम से बिता सकते हैं। यहाँ हम भारत भर की गरमी से जुड़ी ख़बरें, मौसमी बदलाव और स्वस्थ रहने के टिप्स एक ही जगह पर दे रहे हैं, ताकि आपको बार‑बार साइट बदलना न पड़े।
उत्तरी भारत में अप्रैल‑मे 2025 को तापमान 40 °C तक पहुँच गया और साथ‑साथ बारिश की चेतावनी भी जारी हुई है। दिल्ली, राजस्थान और बिहार के कुछ हिस्सों में तेज़ धूप के बाद अचानक बूँदाबाँदी होने का रिकॉर्ड दिखा है। इसी दौरान दक्षिणी राज्यों में समुद्रतट पर लहरें उठीं, लेकिन तापमान लगभग स्थिर रहा। अगर आप उत्तर भारत में रहते हैं तो सुबह‑शाम को बाहर निकलना बेहतर रहेगा, क्योंकि दोपहर की धूप सबसे ज्यादा असर करती है।
कृषि क्षेत्र भी इस गर्मी से प्रभावित हुआ है। माइक्रोसॉफ्ट की AI तकनीक ने छोटे किसानों को मौसम का सटीक अनुमान देकर फसल बचाने में मदद की, जबकि बाढ़‑प्रवण क्षेत्रों में जल‑संकट कम करने के लिए रीयल‑टाइम अलर्ट जारी किए गए हैं। इन अपडेट्स से किसान और आम लोग दोनों ही सही निर्णय ले सकते हैं।
पहला नियम – पानी पीते रहिए। दिन में कम से कम 8‑10 ग्लास पानी या नारियल पानी रखें, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। दूसरा, हल्का भोजन चुनें; तले‑भुने खाने की बजाय फल, दही और सूप बेहतर होते हैं। तीसरा, घर में पंखे या एसी का सही उपयोग करें – ठंडी हवा सीधे नहीं बल्कि धीरे‑धीरे चलनी चाहिए, ताकि शरीर को झटका न लगे।
सुरक्षा के लिहाज़ से, बाहर जाने पर टोपी, सनग्लास और हल्का कपड़ा पहनें। अगर आप बच्चों या बुजुर्गों की देखभाल करते हैं तो उन्हें धूप में लम्बे समय तक रहने से बचाएँ और हर दो घंटे में एक बार ठंडा पानी पिलाते रहें। ये छोटे‑छोटे कदम गर्मी के प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
गरमी के महीने अक्सर ऊर्जा की खपत बढ़ाते हैं, इसलिए एसी का तापमान 24‑25 °C पर सेट रखें और लाइट्स को टाइमर से चलाएँ। इससे बिल भी बचता है और पर्यावरण पर दबाव कम होता है। कुल मिलाकर, सही जानकारी और थोड़ी सी तैयारी से आप इस गरमी को सहज बना सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में कुछ दिनों की बारिश के बाद फिर से तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना जताई गई है। आईएमडी के अनुसार, राज्य में फिलहाल लू की स्थिति रहेगी, खासकर प्रयागराज, झांसी और कानपुर में। लखनऊ में तापमान 37°C तक पहुंच सकता है। कृषि पर इसका असर और बीमारियों से बचाव के लिए सावधानियां ज़रूरी हैं। अप्रैल में सिर्फ 5-6 मिमी वर्षा होने की संभावना है।
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