अगर आप जानना चाहते हैं कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा का भारत से क्या कनेक्शन है, तो आप सही जगह पर आए हैं। यहाँ हम रोज़ाना अपडेट होने वाली खबरों को आसान भाषा में बताते हैं, ताकि आपको किसी भी जटिल रिपोर्ट पढ़ने की जरूरत न पड़े।
रामफोसा ने पिछले महीने नई दिल्ली का आधा दौरा किया था। उनके साथ भारत‑दक्षिण अफ्रीका व्यापार में 30 % तक वृद्धि की योजना बनी है। मुख्य चर्चा थी खनिज, ऊर्जा और डिजिटल टेक्नोलॉजी पर सहयोग। दोनों देशों के उद्योगपति अब संयुक्त फ़ैक्टरी खोलने की बात कर रहे हैं, खासकर इलेक्ट्रिक कार बैटरियों के सेक्टर में। इस पहल से न केवल रोजगार बढ़ेगा बल्कि कच्चे माल की कीमत भी स्थिर होगी।
एक और बड़ी खबर है कि रामफोसा ने भारत की ‘मेक इन इंडिया’ योजना को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के स्टार्ट‑अप्स को भारतीय मार्केट में प्रवेश आसान होगा, अगर दोनो देशों के बीच वैक्सिन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में डेटा शेयरिंग का समझौता हो जाए। यही कारण है कि कई विश्वविद्यालय अब ड्यूल‑डिग्री प्रोग्राम लॉन्च कर रहे हैं।
रामफोसा के भारत संबंधों में सबसे चर्चा वाला मुद्दा कूशिंग (कुश) जलवायु परिवर्तन का है। दक्षिण अफ्रीका ने नई सौर ऊर्जा परियोजनाओं की घोषणा की है और भारतीय कंपनियों को हिस्सेदारी देने की इच्छा जताई है। अगर आप इस सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं तो अभी समय सही है, क्योंकि सरकारें दोनों तरफ सबसिडी दे रही हैं।
राजनीतिक तौर पर रामफोसा ने भारत के साथ कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एकजुटता दिखाई है – खासकर यूएन क्लाइमेट कॉन्फ़रेंस और WTO मीटिंग में। इस सहयोग को देखकर व्यापारियों को भरोसा मिलता है कि दोनों देशों की नीतियां स्थिर रहेंगी।
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दक्षिण अफ्रीका के मौजूदा राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे। उनकी पार्टी एएनसी को बहुमत नहीं मिला, जिससे उन्हें डेमोक्रेटिक अलायंस और अन्य दलों के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनानी पड़ेगी। राजधानी प्रिटोरिया में होने वाली इस समारोह में कई देशों के प्रमुख शामिल होंगे।
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