30 जुलाई, 2024 को झारखंड के चक्रधरपुर के पास मुंबई-हावड़ा मेल के 18 कोच पटरी से उतर गए, जिससे भारतीय रेलवे ने फिर से एक दुखद घटना का सामना किया। इस दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए।
हादसा सुबह करीब 3:45 बजे हुआ। इसकी सूचना मिलते ही चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन से दुर्घटना राहत चिकित्सा उपकरण (ARME) और अतिरिक्त स्टाफ मौके पर पहुंचे। तुरंत ही राहत कार्यों को शुरू कर दिया गया और घायल यात्रियों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। हालाँकि, यह घटना रेलवे सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।
कई यात्रियों का कहना है कि अचानक जोरदार झटका महसूस हुआ और उसके बाद पूरी ट्रेन हिलने लगी। इससे पहले की यात्री कुछ समझ पाते, ट्रेन के कोच पटरी से उतर गए। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि रेल ट्रैक की स्थिति खराब होने के कारण यह घटना घटी। जांच दल घटना स्थल पर है और विस्तृत जांच जारी है।
रेलवे प्रशासन ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है। रेलवे के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने कहा है कि घायलों को हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है और घटना की विस्तृत जांच की जा रही है।
तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने घटना पर चिंता व्यक्त की है और रेलवे में सुरक्षा उपायों की मांग की है। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं ने सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं। इसका तत्काल समाधान निकालने की आवश्यकता है।
घटना के बाद रेलवे यात्रियों और आम जनता में रोष व्याप्त है। अनेक लोगों ने रेलवे ट्रैक की खराब स्थिति और सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल उठाए हैं। दुर्घटना के बाद ट्रेन सेवाओं में भी अस्त-व्यस्तता देखी जा रही है और कई ट्रेनों के आवागमन में विलंब हो रहा है।
2024 का साल भारतीय रेलवे के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। मुंबई-हावड़ा मेल के पटरी से उतरने की घटना से पहले, 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश में चंडीगढ़-डिब्रूगढ एक्सप्रेस की पटरी से उतरने की घटना हुई थी, जिसमें कई लोग घायल हुए थे। इसके अलावा, जून में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में कंचनजंघा एक्सप्रेस पटरी से उतरी थी।
इन हदासों ने रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और रेलवे प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वह जल्द ही ठोस कदम उठाए।
रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा बढ़ाने के लिए ट्रैक मेंटेनेंस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। पुराने ट्रैकों का नियमित निरीक्षण और उन्हें बदलने के लिए एक प्रभावी योजना बनाई जानी चाहिए। इसके अलावा, नई तकनीकों का उपयोग करके ट्रेन संचालन को अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए वृद्धि की गई तकनीकों का इस्तेमाल और सभी प्रकार की मानवीय त्रुटियों को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि इन उपायों को अपनाने से इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
यह आवश्यक है कि इस दुखद घटना से सबक लेते हुए, रेलवे विभाग सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दे। सभी प्रकार की रेलवे लाइनों की स्थिति की परीक्षण और समीक्षा की जानी चाहिए। इसके साथ ही, यात्री सुरक्षा के लिए उच्च स्तरीय मानकों को लागू किया जाना चाहिए।
इस घटना ने प्रत्येक यात्रि और हमारे समाज में रेलवे प्रशासन की जिम्मेदारी को समझाने की आवश्यकता है। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की दुर्घटना न हो और यात्री सुरक्षित यात्रा कर सकें।
एक टिप्पणी लिखें