सिद्दीकी ने AMMA के महासचिव पद से इस्तीफा दिया, बलात्कार के आरोपों के चलते मच गई हलचल

अगस्त 25, 2024 6 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

AMMA के महासचिव सिद्दीकी ने आरोपों की वजह से छोड़ा पद

वरिष्ठ मलयालम अभिनेता सिद्दीकी ने रविवार, 25 अगस्त 2024 को एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा उन्होंने अपने खिलाफ लगे बलात्कार और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बिना पर दिया। आरोप लगाने वाली एक युवा अभिनेत्री ने कहा कि सिद्दीकी ने उन्हें फिल्मों में काम देने का झांसा देकर होटल के कमरे में बुलाया और वहां उनका यौन शोषण किया।

2019 में भी किए गए थे आरोप

अभिनेत्री ने पहली बार 2019 में अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से इस घटना का खुलासा किया था। लेकिन हाल ही में हेम कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद उन्होंने ये आरोप दोबारा लगाए। हेम कमेटी की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण के कई मामलों को उजागर किया गया, जिनमें 'कास्टिंग काउच' और अन्य प्रकार के शोषण भी शामिल हैं।

अभिनेत्री की पीड़ा

2016 में हुई इस घटना के बाद अभिनेत्री ने अपने सपनों को तिलांजलि दे दी और मानसिक रूप से बुरी तरह से प्रभावित हुईं। उन्होंने हेम कमेटी से मदद की गुहार भी लगाई थी, लेकिन उन्होंने बताया कि वहां से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अभिनेत्री ने कहा कि सिद्दीकी ने उस फिल्म प्रोजेक्ट के नाम पर बुलाया था जो कि असल में एक बहाना था।

सिद्दीकी का पक्ष

सिद्दीकी, जिन्होंने 350 से अधिक फिल्मों में काम किया है, ने अपनी गलती मानी और कहा कि अब वो इस पद पर रहना उचित नहीं समझते। उन्होंने AMMA के अध्यक्ष मोहनलाल को अपने इस्तीफे की सूचना दी। सिद्दीकी ने कहा कि वो अभी इस मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी नहीं करेंगे और कानूनी सलाह लेने के बाद ही कुछ बोलेंगे।

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में बदलाव की लहर

यह मामला मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के भीतर हो रहे यौन शोषण के खिलाफ उठ रही आवाज़ों में एक नए मोड़ की तरह देखा जा रहा है। हेम कमेटी की रिपोर्ट, जो 2017 में सरकार को सौंप दी गई थी, हाल ही में सार्वजनिक की गई और इसमें कई चौंकाने वाले मामले सामने आए।

कमेटी की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म उद्योग में 'कास्टिंग काउच' और अन्य प्रकार के यौन शोषण की प्रथाओं को उजागर किया।

मामला विवरण
तिथि 25 अगस्त 2024
व्यक्ति सिद्दीकी
पद AMMA महासचिव
आरोप बलात्कार और यौन उत्पीड़न

फिल्म इंडस्ट्री में सुधार की उम्मीद

इस घटना के बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। कई अन्य कलाकार और फिल्मकार भी अब इस मुद्दे पर खुलकर बोल रहे हैं और यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। जहां एक तरफ इन आवाजों को समर्थन मिल रहा है, वहीं दूसरी तरफ इंडस्ट्री में बदलाव की मांग भी जोर पकड़ रही है।

इंडस्ट्री में बदलाव की यह लहर एक सकारात्मक संकेत है कि अब और महिलाओं को उनके अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि अब ऐसे मामलों में ठोस और तेजी से कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।

आगे की राह

इस मामले में यह देखना बाकि है कि सिद्दीकी पर लगे आरोपों का नतीजा क्या निकलता है। उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही क्या मोड़ लेगी, यह भी देखने योग्य होगा। लेकिन यह जरूर है कि इस घटना ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है और इस दिशा में और भी कदम उठाए जाएंगे।

अब देखना यह है कि क्या मलयालम फिल्म इंडस्ट्री वास्तव में इस घटना से सबक लेकर अपने कार्यप्रणाली में बदलाव लाती है या फिर यह मुद्दा भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा। इंडस्ट्री की महिलाएं अब मजबूती से अपने हक के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं और यह बदलाव का एक सकारात्मक संकेत है।

6 जवाब

Tushar Kumbhare
Tushar Kumbhare अगस्त 25, 2024 AT 19:34

सच्ची लड़ाई अभी शुरू हुई है! 💪

Arvind Singh
Arvind Singh अगस्त 26, 2024 AT 22:20

क्या सोचते हैं लोग, जब तक सितारा का नाम बड़ा है, तब तक सबक नहीं मिलते?
सिद्दीकी का इस्तीफा सिर्फ कागज़ पर इंक की बूँद नहीं, बल्कि एक बड़े झटके की शुरुआत है।
अब तक छुपे रहें वाले भी अपने बर्ताव की परछाई नहीं छिपा पाएँगे।
हमें इस बात को समझना चाहिए कि शक्ति के पद में रहना ही सब कुछ नहीं, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी उतनी ही भारी है।
या फिर इन सबको सिर्फ एक और रॉड्रोटेड स्कैंडल मानकर आँखें बंद कर डालें?
इतने साल बाद भी फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच जैसा कलंक बना हुआ है, जो असली कलाकारों को भी घिनौना बना देता है।
जब तक पीड़ितों की आवाज़ को सुना नहीं जाता, तब तक इस प्रणाली में कोई सुधार नहीं होगा।
हमें इस मुद्दे को सिर्फ सिड़ीकी तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि पूरे उद्योग के ढांचे को देखना चाहिए।
यदि अदालतें और कमेटी रिपोर्टें भी ठोस कार्रवाई नहीं करतीं, तो जनता का भरोसा रहने वाला नहीं।
भले ही सिड़ीकी ने इस्तीफा दे दिया, पर उनकी जगह कोई और आएगा, जो शायद वही खेल दोहराएगा।
इसीलिए यह केवल एक व्यक्ति का पद समाप्त होना नहीं, बल्कि एक संपूर्ण परिवर्तन की मांग है।
फिल्मी दुनिया के बड़े लोग अक्सर कहते हैं "नीति बदलेंगे" लेकिन वो फिर भी अपने मुनाफ़े के पीछे भागते हैं।
अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर इस जड़ता को तोड़ें और वास्तविक सुधार की दिशा में कदम बढ़ाएँ।
साथ ही, पीड़ितों को उचित मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता भी प्रदान करनी होगी, नहीं तो यह सिर्फ शब्दों का तमाशा रहेगा।
आखिर में, अगर हम इस बात को समझ ही नहीं पाएँगे कि शक्ति के साथ सहानुभूति भी आती है, तो इस उद्योग का भविष्य अंधकारमय रहेगा।

Vidyut Bhasin
Vidyut Bhasin अगस्त 28, 2024 AT 02:06

सच में, हर बार जब कोई बड़ा नाम गिरता है तो हम सबको "अंदरूनी बात" समझा देते हैं।
जैसे ही एक सलामती लहर आती है, लोग तुरंत ही "कब तक इंतजार?" वाले मीम बना देते हैं।
लेकिन असली बात यह है कि इस सारी हलचल में पीड़ित को ही क्यों नहीं देखा जाता?
सिड़ीकी का इस्तीफा सिर्फ एक प्रतीकात्मक कदम है, असली परिवर्तन तो तब होगा जब इस तरह की घटनाओं की गिनती नहीं, बल्कि रोकथाम के उपायों को प्राथमिकता दी जाएगी।
और हाँ, “कास्टिंग काउच” को खत्म करने के लिए वास्तविक नीतियों की जरुरत है, सिर्फ रिपोर्टें नहीं।
छोटे‑छोटे कदमों की बजाय हम बड़े‑बड़े समझौते नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की उम्मीद रखनी चाहिए।

nihal bagwan
nihal bagwan अगस्त 28, 2024 AT 04:53

यदि हम भारत की महानता की बात करें तो इस प्रकार के यौन उत्पीड़न को बिल्कुल नहीं बर्दाश्त किया जाना चाहिए।
संदेह नहीं, यह एक राष्ट्रीय कर्तव्य है कि हम इस समस्या को पूरी तीव्रता से समाप्त करें।
किसी भी कलाकार को यदि अपना पद या सम्मान पाने के लिए दूसरों का शोषण करने की प्रवृत्ति है, तो उसे तुरंत सीधे न्यायालय में खड़ा किया जाना चाहिए।
भोलापन या शर्मिंदगी का कोई स्थान नहीं है इस मुद्दे में।
हमारी संस्कृति में महिलाओं की प्रतिष्ठा को शब्दों से नहीं, कर्मों से सिद्ध करना चाहिए।

Arjun Sharma
Arjun Sharma अगस्त 29, 2024 AT 05:53

भाई लोगो, इस whole ecosystem में जरा भी transparency नहीं है, सबके पीछे अपने‑अपने agenda चल रहा है।
कभी‑कभी तो lagta है कि ये सब सिर्फ PR stunt है, असली मैट्रिक्स तो untouched रह जाता है।
भाई, हमें भी इस conversation में अपना input देना चाहिए, नहीं तो industry का data सिर्फ इन्फ़ॉर्मेशन साइलो में बंद रहेगा।
जैसे कि हम “सबसिडी मॉडल” या “इंडस्ट्री स्टैण्डर्ड्स” की बातें करते हैं, लेकिन ground reality में कभी‑कभी तो बहुत gap है।
तो let’s keep the dialogue open और concrete action points set करें।

Sanjit Mondal
Sanjit Mondal अगस्त 29, 2024 AT 08:40

आप सभी के विचारों का धन्यवाद।
यह स्पष्ट है कि मुद्दे की जटिलता को समझते हुए, हमें एक समग्र रणनीति अपनानी होगी।
सबसे पहले, पीड़ितों को त्वरित कानूनी सहायता और मनोवैज्ञानिक समर्थन प्रदान करना अनिवार्य है।
दूसरे, उद्योग में एक स्वतंत्र निगरानी बोर्ड स्थापित किया जाना चाहिए, जो हर शिकायत की पारदर्शी जाँच करे।
तिसरे चरण में, सभी उत्पादन कंपनियों को सख्त ‘कास्टिंग काउच’ प्रतिबंध नीति अपनाना जरूरी है।
इन उपायों के कार्यान्वयन से ही हम वास्तव में परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ पाएँगे। :)

एक टिप्पणी लिखें