मतदान प्रतिशत – समझें वोट शेयर का असली मतलब

जब भी कोई चुनाव आता है, सबसे पहला सवाल होता है – लोगों ने कितने % वोट डाले? इसको हम मतदान प्रतिशत या वोट शेयर कहते हैं. आसान शब्दों में, यह बताता है कि कुल मतदाताओं में से कितना हिस्सा वास्तविक रूप से ballot box में गया। अगर 1 करोड़ पंजीकृत मतदाता हों और 6 लाख लोग वोट कर दें, तो मतदान प्रतिशत 6% होगा.

कैसे निकाला जाता है मतदान प्रतिशत?

सिर्फ दो नंबर चाहिए – कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या और वास्तव में डाले गये वैध वोटों की गिनती. इन दोनों को मिलाकर हम फार्मूला लगाते हैं: (डाले गये वोट ÷ पंजीकृत मतदाता) × 100. अगर आप इसको अपने रोज़मर्रा के जीवन से जोड़ें, तो यह वही है जैसे किसी पार्टी में कितने लोग आए और कितना हिस्सा खाया.

मतदान प्रतिशत का असर क्यों पड़ता है?

उच्च मतदान प्रतिशत अक्सर दर्शाता है कि जनता चुनाव को गंभीरता से ले रही है. जब भागीदारी कम होती है, तो कुछ खास समूहों की आवाज़ बढ़ सकती है, जिससे परिणाम थोड़ा झुके हुए दिख सकते हैं. इसलिए राजनीतिक पार्टियों के लिए यह आंकड़ा बहुत मायने रखता है – वे अपनी कैंपेनिंग रणनीति उसी हिसाब से बनाते हैं.

भारत में 2019 लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय औसत मतदान प्रतिशत लगभग 67% था, जो पिछले कई चुनावों की तुलना में बेहतर रहा. इसका मतलब लोग बड़े पैमाने पर भाग ले रहे थे और परिणाम अधिक प्रतिनिधिक माना गया. वहीं कुछ राज्य चुनावों में 50% से नीचे का प्रतिशत दिखा, जिससे स्थानीय मुद्दे और जनसंख्या संरचना को समझना ज़रूरी हो जाता है.

आप सोचते होंगे कि मतदान प्रतिशत कैसे बढ़ाया जाए? सबसे बड़ी चीज़ है जागरूकता. यदि लोग जानते हैं कि उनका वोट कितना महत्त्व रखता है, तो वे बॉक्स में अपना निशान लगाना नहीं भूलेंगे. NGOs और सरकारी एजेंसियां अक्सर voter awareness drives चलाती हैं – जैसे स्कूलों में डेमो करवाना या ग्रामीण इलाकों में mobile polling stations लाना.

एक और पहलू यह है कि मतदाता सूची में गलतियों से भी प्रतिशत कम दिख सकता है. अगर नाम पुराने हों या पते बदल गए हों, तो वैध वोटर को सही ढंग से नहीं गिना जाता. इस कारण चुनाव आयोग नियमित रूप से अपडेट करता है – इसलिए आपका पता ठीक‑ठाक हो तो मतदान प्रक्रिया सुगम रहती है.

आखिर में, यदि आप अपने क्षेत्र के मतदाता डेटा देखना चाहते हैं, तो राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक वोटर सेवा (NEVS) या राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जाएँ. वहाँ से पंजीकृत मतदाताओं की संख्या और पिछले चुनावों का प्रतिशत आसानी से मिल जाएगा.

तो अगली बार जब चुनाव आए, तो सिर्फ परिणाम ही नहीं, बल्कि मतदान प्रतिशत पर भी नज़र रखें. यही बताता है कि लोकतंत्र कितना जीवंत है और आपका वोट कितनी ताकत रखता है. याद रखें – हर 1% भी मायने रखता है!

आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024: दोपहर 1 बजे तक राज्य में कुल 40.26% मतदान दर्ज

आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024: दोपहर 1 बजे तक राज्य में कुल 40.26% मतदान दर्ज

आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024 में दोपहर 1 बजे तक राज्य भर में कुल 40.26% मतदान दर्ज किया गया है। अब तक 1.70 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। कडपा जिले में सबसे अधिक 45.56% मतदान हुआ है।

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