आजकल हर कोई इंटरनेट पर कुछ ना कुछ करता है – चैट करे, शॉपिंग करे या काम के लिए फाइलें शेयर करे। यही कारण है कि साइबर अपराध भी रोज़ बढ़ता जा रहा है. लेकिन डरने की ज़रूरत नहीं; अगर आप सही जानकारी रखें तो कई दुष्ट चालों से बच सकते हैं.
सबसे पहले हम देखते हैं कि किस तरह के अपराध अक्सर खबरों में आते हैं. हैकिंग, फिशिंग मेल, रैनसमवेयर और ऑनलाइन धोखाधड़ी प्रमुख हैं. उदाहरण के तौर पर, पिछले महीने एक बड़ी कंपनी की डेटा लीक हुई थी जहाँ कई ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो गई. इसी तरह, सोशल मीडिया पर नकली अकाउंट बनाकर लोगों से पैसे माँगे जाते हैं.
अब बात करते हैं बचाव के बारे में. सबसे पहला काम है पासवर्ड को मजबूत बनाना – बड़े‑छोटे अक्षर, नंबर और विशेष चिन्ह मिलाकर कम से कम 12 अक्षरों का पासवर्ड रखें. दूसरा, दो‑फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) ज़्यादातर साइट्स पर चालू करें; इससे कोई भी हॅकर आपके खाते में सीधे नहीं घुस पाएगा.
तीसरा, अटैचमेंट या लिंक वाले ईमेल को बिना सोचे समझे न खोलें. अगर मेल का स्रोत भरोसेमंद नहीं दिखता तो उसे डिलीट कर दें. चौथा, अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें; कई बार पुराने सॉफ़्टवेयर में सुरक्षा छिद्र रहते हैं जो हॅकर आसानी से इस्तेमाल कर लेते हैं.
पाँचवाँ, सार्वजनिक वाई‑फ़ाय का उपयोग करते समय VPN (Virtual Private Network) चालू रखें. इससे आपका डेटा एन्क्रिप्ट हो जाता है और बीच में कोई भी नहीं पढ़ सकता.
अगर आपको लगता है कि आप किसी साइबर अपराध के शिकार हुए हैं, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें और पुलिस में एफआईआर दर्ज कराएँ. कई मामलों में जल्दी रिपोर्ट करने से नुकसान कम किया जा सकता है.
नवोत्पल समाचार पर हम नियमित रूप से ऐसे केसों की कवरेज करते हैं – चाहे वो बड़े सायबर अटैक हों या छोटे फिशिंग स्कैम. पढ़ते रहें और खुद को अपडेट रखें, ताकि डिजिटल दुनिया में भी आप सुरक्षित रह सकें.
2024 में आए PlayStation नेटवर्क आउटेज ने एक आपराधिक जांच को जन्म दिया, जब यह 23 दिनों तक ठप रहा, जिससे वैश्विक यूजर्स प्रभावित हुए। Sony को अपने सिस्टम में अनधिकृत एक्सेस मिला, लेकिन कोई व्यक्तिगत डेटा चोरी का प्रमाण नहीं था। हालांकि, साइबर विशेषज्ञों ने सुरक्षा कमजोरियों की चिंता जताई। FBI और Europol संगठित साइबर अपराध के संभावित संबंधों की जांच कर रहे हैं।
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