हर साल जब देश के बड़े‑बड़े मैदानों में सेना परेड होती है, तो जनता का दिल तेज़ धड़कने लगता है। ये केवल टॉफ़ी नहीं, बल्कि भारत की ताकत, तकनीक और इतिहास का जश्न होता है। अगर आप भी इस उत्सव को समझना चाहते हैं, तो पढ़िए नीचे हमारी आसान‑से‑समझाने वाली गाइड।
सबसे पहले मिलते हैं रंगीन झंडे और बैंड की धुनें। फिर आती है टैंक कॉलोनी, जहाँ आधुनिक लड़ाकू वाहन एक लाइन में चलाए जाते हैं। इसके बाद हल्के हथियारों की इकाइयाँ पैराग्राफ़‑वॉकर के साथ आगे बढ़ती हैं, जिससे सेना की गतिशीलता दिखती है। अंत में पेरोटन (पैराशूट) दल हवा से उतरते हुए दर्शकों को चकित कर देते हैं। हर सेक्शन का अपना संदेश होता है – चाहे वो राष्ट्रीय सुरक्षा हो या अंतरराष्ट्रीय सहयोग।
पहला, यह देश की आत्मविश्वास का प्रमाण है। जब आप टैंक, ड्रोन्स और एंटी‑टेरर यूटिलिटी को एक साथ देखते हैं, तो पता चलता है कि हमारी रक्षा प्रणाली कितनी मजबूत है। दूसरा, परेड में अक्सर नई तकनीकें पहली बार दिखाई देती हैं – जैसे इलेक्ट्रिक टैंक या स्टील्थ ड्रोन। तीसरा, यह युवा लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है; कई बच्चा इस दृश्य से सेना में करियर बनाने का सपना देखते हैं। अंत में, ये कार्यक्रम राष्ट्रीय एकजुटता को बढ़ावा देते हैं—सभी वर्गों के लोग मिलकर देशभक्ति महसूस करते हैं।
अगर आप अभी तक नहीं देखी कोई परेड, तो अगले महीने की तिथि नोट करें और टीवी या यूट्यूब पर लाइव देखें। कई बार हमारे पास लिव‑स्ट्रीम लिंक भी होते हैं, जिससे आप घर बैठे‑बैठे पूरा शो देख सकते हैं।
परेड के बाद अक्सर विशेषज्ञों से इंटरव्यू आते हैं – वे सुरक्षा नीतियों, अंतरराष्ट्रीय रिश्तों और नई हथियार तकनीकों पर बात करते हैं। इन ब्रीफ़िंग्स को सुनकर आपको भारत की रणनीतिक दिशा का भी पता चलता है। हम नवोत्पल समाचार में ऐसे विश्लेषण हर हफ्ते अपडेट करते हैं, तो बस हमारे टैग “सेना परेड” फॉलो करें और कभी कुछ मिस न करें।
स्मार्टफोन से लेकर बड़े टीवी स्क्रीन तक, सब जगह परेड की लाइव कवरेज उपलब्ध है। अगर आप सोशल मीडिया पर #सेनापरेड या #IndianArmyParade टाइप करेंगे तो कई तस्वीरें और वीडियो भी मिलेंगे, जिनमें सैनिकों के चेहरे की शौर्य भावना साफ दिखती है।
अंत में एक छोटा टिप: यदि आप परेड देख रहे हैं तो साउंड को हाई रखिए, क्योंकि बैंड का संगीत ही असली माहौल बनाता है। साथ‑साथ ध्यान रखें कि भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा नियमों का पालन करें।
तो अगली बार जब कोई सेना परेड होगी, तो इस गाइड को याद रखें और पूरी मज़ा उठाएँ। नवोत्पल समाचार आपके साथ है—हर परेड की हर ख़ास बात बताने के लिए।
हर साल 15 जनवरी को मनाया जाने वाला भारतीय सेना दिवस, स्वतंत्रता के बाद सैन्य नेतृत्व के ब्रिटिश हांथों से भारतीय हांथों में हस्तांतरण की याद दिलाता है। यह दिन भारतीय सेना की स्थापना और स्वतंत्र सैन्य शक्ति का प्रतीक है। सेना दिवस साहस, समर्पण, और बलिदान के प्रतीक को सलामी देता है, जो राष्ट्र की सुरक्षा में अमूल्य योगदान देते हैं।
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