टास्किन अहमद ने 100वीं T20I विकेट ली, बनें बांग्लादेश के तीसरे सेंचुरी बॉलर

सितंबर 26, 2025 4 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

टास्किन अहमद की 100वीं विकेट का जश्न

डुबई इंटरनैशनल क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित DP World Asia Cup 2025 के सुपर 4 मैच में बांग्लादेशी तेज़ गेंदबाज़ Taskin Ahmed ने इतिहास रचा। पाकिस्तान को ध्ंकते हुए उन्होंने अपना शतक पूरा किया, जिससे वे बांग्लादेश के केवल तीसरे खिलाड़ी बन गए जिन्होंने T20I में 100 विकेट के माइलस्टोन को हासिल किया।

मैच शुरू होने से पहले टास्किन सिर्फ एक विकेट दूर थे, पर उनकी बॉलिंग रन‑रूटर की तरह चलती रही। उन्होंने तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए – साइमन आयूब को कप्तान द्वारा शानदार कैच से और मोहम्मद नवाज़ को बेहतरीन स्लो बॉल से फंसाया। ये आउट्स न सिर्फ टीम के दबाव को बढ़ाते हैं, बल्कि टास्किन की वैरायटी बॉलिंग को भी उजागर करते हैं।

आसिया कप 2025 में उनका योगदान

आसिया कप 2025 में उनका योगदान

आसिया कप के इस संस्करण में टास्किन ने लगातार बॉलिंग में दम दिखाया। उनका औसत 20.4 और इकॉनमी 7.1 दिखाती है कि वे न केवल विकेट लेते हैं, बल्कि मैच के मोड़ को भी बदलते हैं। उनके स्लो डिलिवरी, बैंशिंग बॉल और तेज़ यॉर्कर ने पाकिस्तानी बल्लेबाजों को झुंझलाते रखा।

वर्तमान में टास्किन के T20I वर्ल्ड रैंकिंग में वह एक निरंतर प्रगति देख रहे हैं। उनके करियर की शुरुआती चढ़ाई से लेकर अब तक के आंकड़े – 115 मैच, 105.6 ओवर, 1510 रन देनायुक्त, 100 विकेट – यह सब उनके निरंतर परिश्रम की कहानी बताती है।

क्रिके‍ट विशेषज्ञों का मानना है कि टास्किन का यह माइलस्टोन बांग्लादेशी तेज़ गेंदबाज़ी के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ता है। उन्होंने नयी पीढ़ी को तेज़ गेंदबाज़ी में विविधता लाने की प्रेरणा दी है, जो आज के T20 फॉर्मेट में बहुत जरूरी है।

कोच और टीम मैनेजमेंट ने इस उपलब्धि को टीम के लिए 'मोटिवेशनल बूस्टर' कहा। उन्होंने कहा कि टास्किन की इस सफलता से बांग्लादेशी युवा खिलाड़ियों को यह संदेश मिलेगा कि निरंतर मेहनत और तकनीकी विकास से बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।

भविष्य की बात करें तो टास्किन अहमद ने अपनी अगली टूर्नामेंट में भी इसी प्रदर्शन को दोहराने की बात कही है। वह आने वाले विश्व कप और T20 लीग्स में अपनी बॉलिंग के विविध पहलुओं से दर्शकों को रोमांचित करने का वादा कर रहे हैं।

4 जवाब

Tsering Bhutia
Tsering Bhutia सितंबर 26, 2025 AT 17:22

टास्किन अहमद की 100वीं विकेट एक व्यक्तिगत मील का पत्थर ही नहीं, बल्कि बांग्लादेशी पेसिंग कप के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने अपने विविध बॉलिंग प्रकारों से कई टीमों को परेशान किया है, खासकर स्लो बॉल और यॉर्कर के मिश्रण से। वर्तमान में उनका इकोनॉमी 7.1 है, जो बताता है कि वह रन देने से भी अधिक मूल्य जोड़ते हैं। युवा फास्टर बॉलर्स को यह दिखाने में टास्किन ने बड़ी भूमिका निभाई है कि विविधता ही जीत की कुंजी है। आशिया कप में उनकी निरंतरता टीम को स्थिरता प्रदान करती है।

Narayan TT
Narayan TT अक्तूबर 8, 2025 AT 07:09

टास्किन की इस उपलब्धि केवल एक आँकड़ा नहीं, बल्कि आधुनिक T20 बॉलिंग की दार्शनिक सीमा को भी चुनौती देती है। वास्तविकता में, व्याख्या की जरूरत नहीं है, डेटा स्वयं मार्मिक है।

SONALI RAGHBOTRA
SONALI RAGHBOTRA अक्तूबर 19, 2025 AT 20:56

टास्किन अहमद का करियर एक प्रेरणादायक कहानी के रूप में उभरता है, जिसमें अनुशासन, तकनीकी सुधार और कठिन परिश्रम का सम्मिश्रण है। वह बचपन से ही विभिन्न प्रकार की डिलीवरी का अभ्यास करता रहा, जिससे उसका बॉलिंग रिपर्टॉयर आज बहुआयामी है। डुबई में लफ्ज़ी बॉल्स से लेकर तेज़ यॉर्कर तक, उसने हर मोमेंट को समझदारी से पढ़ा है। इस 100वीं विकेट ने यह सिद्ध किया कि वह सिर्फ विकेट लेने के लिए नहीं, बल्कि मैच के दिशा को बदलने के लिए भी जाना जाता है। बांग्लादेश की पीढ़ी को यह संदेश मिलता है कि विविध बॉलिंग तकनीकें एक ही फॉर्मेट में भी सफल हो सकती हैं। आंकड़ों की बात करें तो 115 मैचों में 1510 रन दिए हैं, यानी हर ओवर में लगभग 13.2 रन का आर्थिक बोझ नहीं बनता। इसके अलावा, उसकी औसत 20.4 अधिकतर स्पिनर-फ्रेंडली सतहों पर भी प्रभावी साबित हुई है। टास्किन ने अक्सर कहा है कि बॉल का डिक्शनरी हमेशा बदलता रहता है, और वह उस परिवर्तन को अपनाना पसंद करता है। इस दृष्टिकोण ने उसे कई टीमों के सामने अनुमानित बनाये रखा है। वह अक्सर नए बॉलिंग कोचिंग सत्रों में भाग लेता है, जहाँ वह अपने अनुभव को साझा करता है। युवा पिचर्स को वह यह भी सिखाता है कि मानसिक मजबूती बॉलिंग में उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक फिटनेस। टास्किन का यह माइलस्टोन बांग्लादेशी बॉलिंग को एक नया आयाम देता है, जिससे अगले पीढ़ी के बॉलरों को आत्मविश्वास मिलता है। वह इस उपलब्धि को टीम की सामूहिक प्रयास का परिणाम मानता है, न कि केवल व्यक्तिगत। इसके अलावा, वह भविष्य में विश्व कप में अपनी बॉलिंग विविधता को और अधिक निखारने का इरादा रखता है। अंत में, टास्किन की कहानी यह दर्शाती है कि निरंतर परिश्रम और सीखने की चाह से बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।

sourabh kumar
sourabh kumar अक्तूबर 31, 2025 AT 10:42

बधाइयां टास्किन भाई, बड्डी बेस्ट! तुहारी बॉलिंग देख के हम सब दिमाग में धूम मचा दिये। अगले मैच में भी इजैसे ही मस्त बॉल्स डाली।

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