जब साइकलोन शक्ति अरबी सागर ने 100 किमी/घंटा की गति से हवाएँ चलानी शुरू कर दीं, तब भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुजरात‑महाराष्ट्र तट के लिए व्यापक मौसम चेतावनी जारी की। यह चेतावनी 5 अक्टूबर 2025 को सुबह 06:56 IST पर आधिकारिक बुलेटिन में बताई गई, जिसमें बताया गया कि तूफ़ान जल्द ही किनारों के पास पहुंचेगा, परन्तु अगले दिन से धीरे‑धीरे शक्ति घट सकती है।
साइकलोन शक्ति की उत्पत्ति अक्टूबर की पहली सप्ताह में अरबी सागर में हुई थी। शुरुआत में यह एक साधारण डिप्रेशन था, जो दो‑तीन दिनों में क्रमिक रूप से इकट्ठा हुई नमी और गर्मी के कारण तीव्रता बढ़ा। 4 अक्टूबर को IMD ने इसे "निम्न दबाव प्रणाली" की श्रेणी में रखा था; 5 अक्टूबर को इसे "सीवियर साइक्लोनिक स्ट्रॉम" (Severe Cyclonic Storm) की श्रेणी में अपग्रेड किया गया, जिससे अधिकतम सतत गति 100 किमी/घंटा दर्ज हुई।
इसी दौरान, अंतरराष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान संगठन ने भी बताया कि इस वर्ष अरबी सागर में चक्रवातीय गतिविधि में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिससे पूर्वी तटों के लिए तैयारियां तीव्र हो गई हैं।
डॉ. रमेश कुमार, IMD के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा, "साइकलोन शक्ति के तेज़ हवाओं और संभावित समुद्री लहरों के कारण गुजरात‑महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में सख्त सतर्कता जारी है, परन्तु वायुमंडलीय मॉडल दिखा रहे हैं कि 6 अक्टूबर तक शक्ति में घटाव शुरू हो जाएगा।" इस बयान को उन्होंने 5 अक्टूबर के बुलेटिन में स्पष्ट किया।
IMD ने तुरंत निम्नलिखित चेतावनियां जारी कीं:
IMD की रिपोर्ट के अनुसार, 4 से 7 अक्टूबर तक महाराष्ट्र के 12 जिलों में 40‑80 मिमी की वर्षा होने की संभावना है। मुंबई में अपेक्षाकृत हल्की बारिश की उम्मीद है, जहाँ प्रारंभिक मॉडल ने 70 मिमी की संभावित अधिकतम मात्रा बताई थी, लेकिन बाद में विकसित होने वाले डेटा ने इसे 45‑55 मिमी तक घटा दिया।
गुजरात के तटीय क्षेत्रों में सागर की लहरें 3‑5 मीटर तक पहुंच सकती हैं, जिससे मछुआरों के लिए समुद्री कार्य शून्य किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने 5,000 से अधिक लोगों की संभावित निकासी के लिए अस्थायी शिविर स्थापित किए हैं।
गुजरात के कच्छ जिले में जल आपूर्ति और स्वास्थ्य सुविधाओं की तत्परता को लेकर जिलाध्यक्ष ने कहा, "हमारे पास 150 रेस्क्यू टीमें तैनात हैं, और प्रत्येक टीम को 12‑घंटे के भीतर प्रभावित क्षेत्रों तक पहुँचने की क्षमता है।" वहीं, महाराष्ट्र के मुंबई महानगर पालिका ने नागरिकों को चेतावनी दी कि वे बेडरूम वेस्टर्स या बुनियादी आपातकालीन किट तैयार रखें, जबकि स्कूलों और कॉलेजों में अस्थायी अवकाश घोषित किया गया है।
एक स्थानीय व्यापारियों की एसोसिएशन ने बताया कि तटीय बाजारों में अब तक 30‑40 प्रतिशत वस्तु विक्रय में गिरावट आई है, क्योंकि अधिकांश दुकानदार अपनी स्टॉक को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं।
मौसम विशेषज्ञ प्रोफेसर अनीता सिंह, भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान (IMD) के सहयोगी, ने कहा, "साइकलोन शक्ति की कमजोरी का कारण समुद्री सतह के तापमान में अचानक घटाव है, जो सामान्यतः इस तरह के तूफानों को जल्दी खत्म कर देता है। लेकिन अभी भी बाढ़ और लैंडस्लाइड के जोखिम को नहीं आँका जा सकता।" उन्होंने संकेत दिया कि अगर अगले 48 घंटों में हवा की गति 80 किमी/घंटा से नीचे गिर गई, तो अधिकांश क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्स्थापना कार्य तेज़ी से शुरू हो सकता है।
कुल मिलाकर, मौसम विज्ञानियों का मानना है कि शक्ति में कमी से जनजीवन पर पड़ने वाला नुकसान अपेक्षाकृत सीमित रहेगा, परन्तु प्रतिक्रिया टीमों को सतर्क रहना आवश्यक है, क्योंकि आकस्मिक लहरें और अचानक बारिश अभी भी संभावित खतरे हैं।
साइकलोन शक्ति का अंतिम प्रभाव संभवतः 6‑7 अक्टूबर के बीच सीमित रहेगा, लेकिन इसके कारण उत्पन्न होने वाले जल-स्तर में वृद्धि और भारी बारिश के कारण बुनियादी ढांचे पर दबाव बना रहेगा। IMD ने कहा है कि वह अगले 24‑48 घंटों में ताज़ा बुलेटिन जारी करेगा, जिसमें विस्तृत प्राथमिकता क्षेत्रों, संभावित बाढ़ जोखिम मानचित्र और पुनर्स्थापना दिशा-निर्देश शामिल होंगे। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक अपडेट पर नजर रखें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
वर्तमान में समुद्री सतह का तापमान पूर्व की तुलना में 2‑3°C कम पाया गया है, जिससे ऊर्जा स्रोत घटता है। इस कारण हवा की गति रातों-रात 80 किमी/घंटा से नीचे गिरने की संभावना है, जो शक्ति में स्पष्ट कमी दर्शाता है।
प्रारंभिक मॉडल में भारी वर्षा की संभावना थी, परन्तु बाद में सैटेलाइट और रडार डेटा ने संकेत दिया कि बायो‑जेट स्ट्रिम का विचलन टॉप‑ड्रॉप स्तर को कम कर रहा है, इसलिए चेतावनी को घटाकर स्कूटनर किया गया।
कच्छ, जामनगर और कडनवाल के तटीय गांव सबसे अधिक जोखिम में हैं, जहाँ लहरें 4‑5 मीटर तक पहुँच सकती हैं और अचानक बाढ़ की संभावना है। स्थानीय प्रशासन ने इन जिलों में 5,000 से अधिक लोगों को वैकल्पिक शिविरों में स्थानांतरित किया है।
IMD ने छोटे नावों को बंदरगाह में रहने का निर्देश जारी किया है। बड़े व्यावसायिक जहाज़ों को भी 24‑48 घंटों तक सुरक्षित क्षेत्रों में रहने की सलाह दी गई है, इसलिए अभी मछली पकड़ना प्रतिबंधित है।
IMD ने बताया है कि अगले 24‑48 घंटों में एक विस्तृत बुलेटिन आएगा, जिसमें पुनर्स्थापना के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों, संभावित बाढ़ नक्शे, और आपातकालीन संपर्क साधन शामिल रहेंगे। जनता को आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर अपडेट देखने की सलाह दी जाती है।
1 जवाब
IMD की चेतावनी को केवल सरकारी एजेंडा के खेल के रूप में देखना चाहिए। यह इकाई अक्सर विदेशी धारा के दबाव में कार्य करती है, जिससे स्थानीय जनसंधि के नुकसान को कम आँका जाता है। साइक्लोन शक्ति की तीव्रता को बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत करना, समुद्री व्यापारियों को भयभीत करने का एक उपकरण है। इस तरह की अलर्ट्स में अक्सर घोटालों की झलक मिलती है, जिन्हें सच्चाई से दूर रखा जाता है। अंत में, जनता को सतर्क रहना चाहिए और निजी स्रोतों से जानकारी की पुष्टि करनी चाहिए।