दुनिया में हर दिन नई घटनाएँ घटीं हैं, पर आपको वही चाहिए जो समझ आए और जल्दी पढ़ें। यहाँ हम भारत से जुड़े अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को सरल शब्दों में बताते हैं—चीन‑भारत सीमा वार्ता, यूके के साथ व्यापार समझौता, अमेरिकी चुनाव की धड़ाधड़, और G7 के फैसले।
बीते हफ्ते चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत यात्रा में सीमा, आतंकवाद, ब्रह्मपुत्र जलप्रबंधन और ताइवान पर कड़ी बात की। उन्होंने शांति बनाए रखने के लिए स्पष्ट शर्तें रखी और व्यापार बाधाओं को कम करने का आश्वासन दिया। इस तरह के संवाद दोनों देशों की रणनीति में बदलाव दिखाते हैं—खासकर जब सीमा‑सुरक्षा पर तनाव बढ़ रहा हो।
इसी बीच भारत‑यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट ने तीन साल की बातचीत के बाद अंततः साइन कर लिया। अब 90 % वस्तुओं पर टैरिफ खत्म हो गया है, जिससे दोनों बाजारों में कीमतें घटने और नई नौकरी के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। छोटे उद्यमियों को यह समझौता खासकर निर्यात‑वृद्धि में मदद करेगा।
नरेंद्र मोदी ने नाइजीरिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए ‘विकासशील भारत’ का विज़न बताया और स्टार्ट‑अप्स की सफलता को उजागर किया। उनका यह संदेश अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के आर्थिक शक्ति दिखाने की दिशा में है, खासकर अफ्रीका जैसे उभरते बाजारों में।
अमेरिका के 2024 राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प और कमला हारिस का मुकाबला जारी है। फ़्लोरिडा, पेंसिल्वेनिया और ओहायो जैसे स्विंग स्टेट्स अब तक की सबसे तीव्र बहसों को जन्म दे रहे हैं। भारतीय राजनैतिक विश्लेषक अक्सर इस चुनाव को भारत‑अमेरिका संबंधों पर पड़ने वाले असर के कारण नज़र में रखते हैं, क्योंकि व्यापार व सुरक्षा दोनों क्षेत्र जुड़े हुए हैं।
G7 देशों ने इज़राइल-हामास संघर्ष को समाप्त करने हेतु संयुक्त प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने शांति वार्ता और मानवीय सहायता की मांग की, जिससे मध्य‑पूर्व की स्थिरता पर नया मोड़ आया है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में बड़े गठबंधन की भूमिका दिखाता है।
इन खबरों को सिर्फ शीर्षक तक सीमित न रखें—हर लेख के अंत में मुख्य बिंदु देखें, जैसे कौन‑सी नीति बदल रही है या कौन‑सा आर्थिक अवसर खुल रहा है। अगर कोई शब्द अजीब लगे (जैसे ‘ब्रह्मपुत्र जलप्रबंधन’), तो जल्दी से गूगल पर सर्च करके समझें; इससे आपको पूरी तस्वीर मिलती है।
एक और टिप: अंतरराष्ट्रीय समाचार अक्सर दो‑तीन देशों के बीच की बातचीत होते हैं, इसलिए दोनों पक्षों की राय पढ़ना ज़रूरी है। चीन‑भारत वार्ता में भारतीय और चीनी स्रोत दोनों को देखिए—इससे संतुलित दृष्टिकोण बनता है।
अंत में याद रखें, अंतरराष्ट्रीय समाचार सिर्फ जानकारी नहीं बल्कि आपके रोज़मर्रा के फैसलों को भी प्रभावित कर सकते हैं—जैसे विदेशी निवेश, यात्रा योजना या व्यापारिक साझेदारी। इसलिए नियमित रूप से अपडेट पढ़ें और ज़रूरत पड़ने पर विशेषज्ञों की राय लें।
नेपाल में सोशल मीडिया पर कड़ी पाबंदियों और बेरोजगारी के बीच युवाओं का गुस्सा बढ़ा है। पूर्व उप-प्रधानमंत्री उपेन्द्र यादव ने सरकार पर भ्रष्टाचार मामलों में पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि जवाबदेही चयनित लोगों तक सीमित है। काठमांडू में पत्रकारों ने बैन के खिलाफ प्रदर्शन किया। सुप्रीम कोर्ट ने 2007 के गौर कांड की जांच फिर से खोलने का आदेश भी दिया है।
पढ़नाचीनी विदेश मंत्री वांग यी के 18-19 अगस्त 2025 के भारत दौरे में सीमा, आतंकवाद, ब्रह्मपुत्र और ताइवान पर कड़ी और स्पष्ट बातचीत हुई। भारत ने सीमा पर शांति को संबंध सामान्य करने की शर्त बताया, आतंकवाद पर सख्ती की मांग की और ब्रह्मपुत्र पर पारदर्शिता चाही। चीन ने आतंकवाद पर प्राथमिकता से काम करने और कुछ व्यापार बाधाओं पर आश्वासन दिए।
पढ़नाभारत और यूके ने तीन साल बाद फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर मुहर लगा दी है। अब 90% ट्रेड होने वाली वस्तुओं पर टैक्स नहीं लगेगा, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार में जबरदस्त उछाल आएगा। यह समझौता पेशेवरों को नए मौके देगा और भारत-यूके के आर्थिक रिश्तों में बड़ी मजबूती लाएगा।
पढ़नाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाइजीरिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारत की नवाचारी यात्रा और प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने पिछले दशक में अपनी सरकार की उपलब्धियों का विवरण दिया और 'विकसित भारत' के सपने को साझा किया। मोदी ने भारतीय स्टार्टअप्स की सफलता और भारतीय समुदाय की नाइजीरिया में भूमिका को रेखांकित किया। साथ ही, उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की वैश्विक सहायता की चर्चा की।
पढ़नाअमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा के सेनेटर मार्को रुबियो को अपने विदेश मंत्री के रूप में नामांकित किया है। रुबियो एक प्रमुख चीन विरोधी और प्रो-इंडिया नेता समझे जाते हैं। वह भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने और चीन के खिलाफ कड़ा रवैया अपनाने के समर्थक हैं। रुबियो ने जुलाई में एक बिल भी पेश किया था जो भारत को अमेरिका के घनिष्ठ सहयोगियों के समान समझता है।
पढ़ना2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हॅरिस के बीच सख्त मुकाबला जारी है। आलोचक और समर्थक दोनों ही चुनाव परिणामों पर टिके हुए हैं, जबकि स्विंग स्टेट्स जैसे फ्लोरिडा, पेनसिल्वेनिया, ओहियो और नॉर्थ कैरोलीना के परिणाम महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। दोनों उम्मीदवार अपने-अपने मजबूत मुद्दों पर अपने समर्थकों को लुभा रहे हैं।
पढ़नाअंकारा के पास तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के मुख्यालय पर एक आतंकवादी हमले में तीन लोगों की मौत हो गई है और 14 घायल हो गए हैं। तुर्की के आंतरिक मंत्री अली यरलिकाया ने पुष्टि की है कि दो हमलावरों ने इस हमले में AK शैली की असॉल्ट राइफलों और विस्फोटकों का प्रयोग किया। इस घटना को तुर्की अधिकारियों द्वारा आतंकवादी हमला कहा गया है और इसके खिलाफ तुर्की की सरकार ने कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
पढ़नाइस्माइल हनिया, हामास के राजनीतिक नेता, की तेहरान, ईरान में उनके निवास पर हमले में हत्या कर दी गई। हनिया का परिवार इस संघर्ष में व्यक्तिगत रूप से बड़े दुख झेल रहा है। उनकी पत्नी, अमल हनिया, इन कठिनाइयों के बावजूद उनके लिए हमेशा एक मजबूत सहारा बनी रहीं। उनके कुछ बच्चों और पोते-पोतियों की मौत इजरायली हमलों में हो चुकी है।
पढ़नादक्षिण कोरिया की सेना ने उत्तर कोरिया को लक्षित करने वाले चौबीसों घंटे लाउडस्पीकर प्रसारण फिर से शुरू करने का फैसला लिया है। यह कदम साइकोलॉजिकल युद्ध में महत्वपूर्ण वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है, जहां दोनों देशों के बीच दशकों से तनाव जारी है।
पढ़नाप्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। मोदी ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की और ट्रंप के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री ने अपनी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ मृतकों, घायलों और अमेरिकी जनता के लिए प्रकट कीं। मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है।
पढ़नाG7 देशों के नेताओं ने हमास पर इसराइल के प्रस्ताव को स्वीकारने और गैज़ा में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए संयुक्त बयान जारी किया। उन्होंने संघर्ष विराम और शांतिपूर्ण समाधान की भी मांग की। G7 ने क्षेत्रीय स्थिरता और दो-राज्य समाधान के महत्व को रेखांकित किया।
पढ़नागाजा में इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष और उग्र होता जा रहा है। जबालिया शरणार्थी शिविर में स्थित अल-अव्दा अस्पताल में पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। इज़राइली हवाई हमलों और टैंकों ने अस्पताल को घेर लिया है।
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